जिनके लिए पैसों की जरूरत होती है. जैसे फर्नीचर, इंटीरियर वगैरह-वगैरह. ऐसे में पैसों की जरूरत को पूरा करने के लिए टॉप-अप लोन मददगार हो सकता है. आइए आपको बताते हैं कि ये होता क्या है-
टॉप अप लोन एक अतिरिक्त लोन राशि होती है, जिसे पहले से चल रहे होम लोन पर लिया जा सकता है. तमाम बैंक और वित्तीय संस्थान टॉप-अप लोन की सुविधा अपने ग्राहकों को देते हैं.
टॉप अप होम लोन एक तरह का पर्सनल लोन होता है जो आपको कम ब्याज दरों पर मिल जाता है. आपके टॉप-अप लोन की अवधि भी होम लोन पर निर्भर करती है.
टॉप-अप लोन का पहला फायदा ये है कि इसमें आपको किसी तरह सिक्योरिटी और गारंटी की जरूरत नहीं होती है, इसका कारण है कि आपका बैंक में पहले से होम लोन चल रहा होता है. टॉप-अप लोन एक तरह का पर्सनल
टॉप-अप लोन एक तरह का पर्सनल लोन ही होता है, ऐसे में इस लोन को आप घर के फर्नीचर, रिनोवेशन, रिपेयर, कन्ट्रक्शन या किसी अन्य पर्सनल या बिजनेस कारणों से भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
किसी अन्य पर्सनल या बिजनेस कारणों से भी इस्तेमाल कर सकते हैं. अगर आप इसे सिर्फ होम कंस्ट्रक्शन और रेनोवेशन के लिए उपयोग करते हैं तो इस पर टैक्स छूट का लाभ भी उठाया जा सकता है.
टॉप अप लोन देने से पहले बैंक आपके लोन की किस्त के पेमेंट का रिकॉर्ड देखते हैं. ईएमआई के भुगतान से जुड़ा रिकॉर्ड दुरुस्त होने पर आपको टॉप अप लोन आसानी से मिल जाता है. लेकिन अगर आपका
टॉप-अप होम लोन के तौर पर आपको कितनी रकम मिलेगी, इसको लेकर बैंक के अलग-अलग नियम हो सकते हैं. आमतौर पर माना जाता है कि होम लोन की कुल रकम और आपकी प्रॉपर्टी की मार्केट