घर खरीदना आमतौर पर एक इंसान के जीवन के सबसे बड़े फैसलों में से एक होता है. इसमें पैसा, समय और दिमाग सबकुछ ज्यादा ही लगता है.

घर खरीदने के लिए सबसे बड़ी परेशानी पैसा है. आजकल सस्ते और आसानी से मिल जाने वाले होम लोन्स ने इसे भी काफी हद तक कर दिया है.

आसानी से मिल जाने वाले होम लोन्स ने इसे भी काफी हद तक कर दिया है. लेकिन क्या लोन पर घर लेना सही है या फिर घर फुल पेमेंट के साथ ही लेना चाहिए?

लोगों की राय काफी बंटी हुई है. इसलिए हमने एक एक्सपर्ट से इस बारे में जानने की कोशिश कि क्या घर खरीदने के लिए फाइनेंस बेहतर विकल्प है

या फिर फुल पेमेंट. वेल्थ रीडिफाइन के को-फाउंडर सौम्या सरकार कहते हैं कि लोगों को लगता है कि उनके पास अगर पैसा है तो उन्हें फुल पेमेंट के साथ ही मकान लेना चाहिए.

सरकार कहते हैं कि अगर आपके पास है और आप फुल पेमेंट कर सकते हैं तो भी पहले यह देखें कि आपके पास जो अमाउंट है वह कहां निवेशित है. उन्होंने कहा कि अगर वह पैसा एक ऐसी जगह लगा है

वह कहां निवेशित है. उन्होंने कहा कि अगर वह पैसा एक ऐसी जगह लगा है जहां से आपको 15 प्रतिसत का वार्षिक रिटर्न मिल रहा है

तो घर फाइनेंस पर लेना ज्यादा बेहतर विकल्प होगा. उनका कहना है कि होम लोन अमूमन 9 प्रतिशत  के आसपास मिल जाता है

और अगर आपकी देनदारी आपकी कमाई से कम है तो फाइनेंस कराने में कोई परेशानी नहीं है. वहीं, अगर इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न 5 प्रतिशत और लोन 9 प्रतिशत का तो फिर आपको फुल पेमेंट करके मकान खरीदना चाहिए.

सरकार कहते हैं कि अगर आपके पास है और आप फुल पेमेंट कर सकते हैं तो भी पहले यह देखें कि आपके पास जो अमाउंट है वह कहां निवेशित है. उन्होंने कहा कि अगर वह पैसा एक ऐसी जगह लगा है

जहां से आपको 15 प्रतिसत का वार्षिक रिटर्न मिल रहा है तो घर फाइनेंस पर लेना ज्यादा बेहतर विकल्प होगा. उनका कहना है कि होम लोन अमूमन 9 प्रतिशत  के आसपास मिल जाता है