Indian Rupee Global Trade-भारतीय रुपया विश्व के 35 देशों के साथ व्यापार करेगा दोस्तों आपने सही पढ़ा
भारतीय रुपए का विश्व में के 35 देशों के साथ व्यापार करना एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है भारत सरकार ने यह कदम बहुत ही अच्छा उठाया है इससे हमारे देश के रुपए की विदेशों में मजबूती बढ़ेगी और हमें अमेरिका जैसे देशों के साथ डॉलर के ऊपर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं होगी अभी क्या है कि हमारा हम अगर किसी भी देश से कोई भी आयात या निर्यात करते हैं
तो उसकी वैल्यू हमें डॉलर के साथ कंपेयर करनी पड़ती है और हमें उस देश के करंसी का उस देश की मुद्रा का होने या ना होने से हमारे और अन्य देशों के साथ व्यापार पर काफी प्रभाव पड़ता है परंतु अगर हम जिस देश से व्यापार में समान का आयात या निर्यात करते हैं.
तो उस देश की करेंसी को हम आदान-प्रदान नहीं करते हैं बल्कि हम अभी तक डॉलर का उसके साथ आदान-प्रदान करते थे लेकिन अब बहुत सारे देश हिंदू भारत के साथ इस व्यापार में इस व्यापार को इस स्थिति में भारत के साथ व्यापार करने के लिए अपने देश की करेंसी को भी आगे नहीं लेकर आ रहे हैं
लेकिन भारत की भारतीय रुपए को अपने देश के साथ लेन और देन करने के लिए तत्पर है भारत के साथ श्रीलंका बांग्लादेश नेपाल वियतनाम रसिया सऊदी अरब श्रीलंका और भी अरेबियन और पश्चिमी देशों के कई सारे छोटे-छोटे देश भारत के साथ व्यापार करने के लिए आगे आए हैं ।
उसमें जापान जर्मनी और और भी अन्य कई देश विकसित और विकासशील देश भारत के साथ व्यापार करने के लिए आगे आए हैं जिसमें भारत जैसे अपने देश के राज्यों में किसी भी समान का आयात निर्यात करता है एक सरकार राज्य सरकार दूसरी राज्य सरकार से कोई भी सामान का आयात और निर्यात भारतीय रुपए में करती है
वैसे ही अब हम अपने देश के रुपए से श्रीलंका जापान जर्मनी नेपाल रसिया और दूसरे देशों के साथ अपने ही रुपए को लेकर के अपने ही रुपए में चीजों का आदान और प्रदान कर सकते हैं और भारत के साथ जिन देशों 35 देशों का रुपयों में आदान-प्रदान होगा वह आपस में भी भारतीय रुपए को आदान प्रदान करके आयात और निर्यात बहुत ही आसानी से कर सकते हैं
यह एक भारतीय अर्थव्यवस्था के हिसाब से बहुत ही ऐतिहासिक कदम होगा इसमें हमारी इस राज्य से हमारे देश की केंद्र सरकार बहुत ही तत्परता से के साथ और बहुत ही जज्बे के साथ काम कर रही है भारत की अर्थव्यवस्था में और व्यापार में यह एक ऐतिहासिक कदम होगा अभी तक हमें अपने आयात और निर्यात के लिए अमेरिका के डॉलर के हिसाब से काम करना पड़ता था ।
अगर हमें जापान से कोई भी सामान लेना है या रसिया से आयात निर्यात करना है हमें अमेरिका के डॉलर के ऊपर निर्भर नहीं रहना हो पड़ेगा जापान के साथ जैसे हम कोई भी सामान का आयात निर्यात करते थे और बिना किसी वजह के अमेरिका की अर्थव्यवस्था में अगर कोई भी हलचल होती है तो उसका डॉलर और रुपए पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ता था जिसकी वजह से हमें किसी दूसरे देशों से समान को आयात और निर्यात करने में काफी महंगा और काफी अलग अलग और दूसरी समस्याओं का सामना करना पड़ता था
लेकिन अब यह समस्या हमारे साथ नहीं होगी लेकिन इसका बहुत ही आसानी से और सुगमता के साथ हम व्यापार कर पाएंगे अब हमें किसी भी 35 देशों देशों के साथ व्यापार करने में अमेरिका के अर्थव्यवस्था का हमारे रुपए और हमारे व्यापार पर किसी दूसरे देशों के साथ व्यापार करने का कोई असर नहीं होगा हालांकि यह असर थोड़ा बहुत हो सकता है परंतु हम इन 35 देशों के साथ बहुत ही आसानी से और बहुत ही सुगम तरीके से व्यापार कर पाएंगे
दूसरे देशों को हमारे देश के सरकारी या गैर सरकारी बैंक में अपना एक अकाउंट खुलवाना होगा फिर उस अकाउंट के थ्रू हमें अपने सामान का आदान-प्रदान या आयात निर्यात भारतीय रुपए में भारतीय रुपए के भारतीय रुपए के उस वस्तु के मूल्य के बराबर उस वस्तु का मूल्य देना होगा और पैसों मुद्रा का आदान-प्रदान भारतीय बैंक के थ्रू भारतीय बैंकों के द्वारा भारतीय रुपए में बड़ी ही आसानी से करना होगा.
उसमें किसी भी तरह का करंसी एक्सचेंज करने की आवश्यकता नहीं होगी यह रुपया दूसरे देश जापान श्रीलंका से रसिया बांग्लादेश से और अन्य दूसरे देश आपस में रुपए या फिर अपनी करंसी या दूसरे किसी डॉलर में पहले की तरह व्यापार कर पाएंगे अगर रसिया को जापान को आपस में तेल का आयात निर्यात करना है तो $1 में भी कर सकते हैं और भारतीय रुपए को भी वह व्यापार में ले सकते हैं यह एक कोई भी देश इस चीज का विरोध नहीं करेगा धन्यवाद दोस्तों
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