10 हजार रुपये डाउन पेमेंट कर घर लाएं Hero HF Deluxe बाइक, हर महीने
82/ 100
Powered by Rank Math SEO
Importent Document : केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘‘यह RBI के दायरे में आने वाले वित्तीय संस्थानों के उत्पादों को लेकर पारदर्शिता बढ़ाने और सूचना की कमी को दूर करने के लिए किया गया है. इससे कर्ज लेने वाला सोच-विचारकर वित्तीय निर्णय कर सकेंगे.’’
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को कहा कि बैंकों और NBFC (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां) को एक अक्टूबर से खुदरा और MSMI कर्ज के लिए लोन लेने वाले को ब्याज और अन्य लागत समेत लोन समझौते के बारे में सभी जानकारी ‘Key Fact Statement’ (KFS) देना होगा. वर्तमान में, विशेष रूप से वाणिज्यिक बैंकों की तरफ से दिये गये व्यक्तिगत कर्जदारों,
RBI के दायरे में आने वाली इकाइयों के डिजिटल लोन और छोटी राशि के कर्ज के संबंध में लोन समझौते के बारे में सभी जानकारी देना अनिवार्य किया गया है. आरबीआई ने बयान में कहा कि कर्ज के लिए केएफएस पर निर्देशों को सुसंगत बनाने का निर्णय लिया गया है.
यह निर्देश RBI के नियमन के दायरे में आने वाले सभी इकाइयों (RI) की तरफ से दिये जाने वाले खुदरा और एमएसएमई सावधि लोन के मामलों में लागू होगा. केएफएस सरल भाषा में लोन समझौते के मुख्य तथ्यों का एक विवरण है. यह कर्ज लेने वालों को एक मानकीकृत प्रारूप में प्रदान किया जाता है.
केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘‘वित्तीय संस्थान दिशानिर्देशों को जल्द-से-जल्द लागू करने के लिए आवश्यक उपाय करेंगे. एक अक्टूबर, 2024 को या उसके बाद स्वीकृत सभी नये खुदरा और MSMI सावधि लोन के मामले में दिशानिर्देश बिना किसी अपवाद के अक्षरश: पालन किया जाएगा. इसमें मौजूदा ग्राहकों को दिये गये नये कर्ज भी शामिल हैं.’’
RBI ने कहा कि वास्तविक आधार पर तृतीय-पक्ष सेवा प्रदाताओं की ओर से केंद्रीय बैंक के दायरे में आने वाले संस्थानों द्वारा कर्ज लेने वाले संस्थानों से वसूले गए बीमा और कानूनी शुल्क जैसी राशि भी वार्षिक प्रतिशत दर (APR ) का हिस्सा होगी. इसके बारे में अलग से खुलासा किया जाना चाहिए.
जहां भी आरई ऐसे शुल्कों की वसूली में शामिल है, उचित समय के भीतर प्रत्येक भुगतान के लिए कर्ज लेने वालों को प्राप्ति रसीदें और संबंधित दस्तावेज प्रदान किए जाएंगे.
इसके अलावा, ऐसा शुल्क जिसका जिक्र के FS में नहीं है, उधारकर्ता की स्पष्ट सहमति के बिना लोन की अवधि के दौरान किसी भी चरण में इस प्रकार का शुल्क नहीं लिया जा सकता है. हालांकि, क्रेडिट कार्ड के मामले में प्राप्त होने वाली राशि को लेकर प्रावधानों से छूट दी गई है.