सरकार द्वारा स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने ओर देश मे बेरोजगारी दर को कम करने के लिए स्टूडेंट को स्टार्टअप्स के लिए 10 करोड़ का लोन बिना गारंटी के दे रही है इस संदर्भ मे पूरी जानकारी के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढे ओर अपने देश को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने मे अपना सहयोग करे
कई बार ऐसा होता है कि पैसों की कमी के कारण बिजनेस को लेकर नए आइडिया शुरू में ही दम तोड़ जाते हैं। इन्हीं वजहों से युवाओं में नये बिजनेस और कुछ नया करने का जज्बा खत्म हो जाता है। आज के वक्त में कई युवा नए अवसरों को खो देते हैं,
जब उनके बिजनेस में फाइनेंस की कमी होती है। इसलिए, आपको ऐसे स्रोत की तलाश करनी चाहिए जो भारत में स्टार्टअप बिजनेस के लिए ‘स्टार्ट अप इंडिया योजना’ के अंतर्गत लोन प्रदान किये जाते हैं। वो भी किसी तरह की गारंटी लिए बिना। कई वित्तीय संस्थान कम से कम 3 साल का बिजनेस विंटेज पीरियड मांगते हैं।
कई प्राइवेट कंपनियां है जों बिना कुछ गिरवी रखवाए भी युवाओ को नए बिजनेस की शुरुआत करने के लिए लोन प्रदान करती हैं। भारत सरकार ने भी ऐसे स्टार्टअप इंडिया स्कीम के तहत स्टार्ट-अप्स के लिए कई सरकारी लोन योजनाओं की शुरुआत की हुई है, जिससे यंग बिजनेस इंटरप्रेन्योर अपने स्टार्टअप बिजनेस के लिए लोन प्राप्त कर सकते हैं।
क्या होता है बिजनेस लोन और स्टार्टअप्स लोन (स्टार्टअप्स योजना क्या है? )
अगर आपको बिजनेस लोन लेना है या आप सोच रहे हैं कि बिजनेस लोन कैसे लें तो सबसे पहले यह समझें कि यह होता क्या है। इसलिए, सबसे पहले यहां हम आपको बताएंगे कि स्टार्ट-अप बिजनेस लोन होता क्या है और स्टार्टअप योजना क्या है ? इसके साथ ही इसकी जानकारी भी आपको देंगे कि स्टार्ट अप इंडिया स्कीम में स्टार-अप बिजनेस लोन लेने के लिए किन-किन डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ेगी और योग्यता क्या है।
बिना किसी गारंटी के स्टार्ट अप इंडिया स्कीम के तहत स्टार्ट-अप लोन उसे कहते हैं, जो बिजनेस के मालिक को प्रदान किया जाता है। इसमें सबसे अहम बात ये है कि आपको अपनी कोई संपत्ति गिरवी रखने की जरूरत नहीं होती है, लेकिन स्टार्ट-अप बिजनेसमैन को अपना सीआईबीआईएल (CIBIL) स्कोर हाई रखना होगा।
सीआईबीआईएल अगर आपका 680 से हाई है तो आपको काफी आसानी के साथ लोन मिल जाएगा। लेकिन कई बैंकों में स्टार्ट-अप के नेचर के अनुसार भी लोन प्रदान किया जाता है। साथ ही जब आप संबधित कंपनी या बैंक के सारे क्राइटेरिया को फुलफिल कर लेते हैं, उसके बाद आपका एप्लिकेशन प्रोसेस आगे बढ़ जाता है।
इस तरह के स्टार्टअप लोन में कारोबारी को 2 फीसदी प्रोसेसिग फीस के साथ 15 प्रतिशत से अधिक ब्याज दर पर लोन प्रोवाइड हो जाता है वो भी बिना कुछ गिरवी रखे। सभी तरह के बिजनेस के लिए भारतीय बैंक से करीब 45 लाख तक लोन लेने की मंजूरी आप ले सकते हैं।
सरकार करेगी ट्रस्ट की स्थापना
इस योजना के लिए भारत सरकार एक ट्रस्ट या फंड की स्थापना करेगी। यह ट्रस्ट ही कर्ज के लिए गारंटी देने का काम करेगा। इसका प्रबंधन नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी के बोर्ड की ओर से किया जाएगा।
ट्रस्ट की जिम्मेदारी स्टार्टअप को दिए गए कर्ज के डिफॉल्ट होने पर कर्ज देने वाले बैंक को भुगतान की गारंटी देना है। इसका उद्देश्य सही उधारकर्ताओं को दिए गए कर्ज में चूक की स्थिति में भुगतान की गारंटी देना है। वे स्टार्टअप इसके लिए पात्र होंगे, जो स्थिर राजस्व हासिल कर रहे हैं।
12 महीने के मासिक विवरण का होगा स्टार्टअप्स ऑडिट
कर्ज पाने के लिए स्टार्टअप का पिछले 12 महीने के मासिक विवरण का ऑडिट होगा। साथ ही ऐसे स्टार्टअप को किसी भी कर्ज में डिफॉल्ट नहीं होना चाहिए। इसके अलावा, उस कंपनी को आरबीआई ने एनपीए की सूची में नहीं डाला हो। कर्ज के लिए एक मेंबर इंस्टीट्यूशन (एमआई) बनाया जाएगा। इसमें बैंक और वित्तीय संस्थान शामिल होंगे।
100 से ज्यादा स्टार्टअप बने यूनिकॉर्न
पिछले कुछ सालों में सरकार की ओर से स्टार्टअप को काफी मदद मिल रही है। इसी वजह से 100 स्टार्टअप अब तक यूनिकॉर्न बन चुके हैं।
जिन स्टार्टअप का मूल्यांकन एक अरब डॉलर होता है, उन्हें यूनिकॉर्न कहा जाता है। स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देने के लिए 5-6 साल में 10,000 से ज्यादा स्टार्टअप को जेनेसिस कार्यक्रम के तहत प्रोत्साहन देने का लक्ष्य रखा गया है।
अब आपने समझ लिया है कि बिजनेस लोन किसे कहते हैं, तो अगले चरण में आपको यह समझना पड़ेगा कि बिजनेस लोन कहां से मिलेगा। बिजनेस के लिए लोन लेने के लिए आपको अपने फाइनेंशियल डॉक्यूमेंट्स जैसे जीएसटी रिटर्न, बैंक अकाउंट स्टेटमेंट और अन्य फाइनेंशियल डॉक्यूमेंट की कॉपी जमा करनी होगी।
KYC डॉक्यूमेंट्स जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या फिर कोई अन्य सरकार द्वारा प्रमाणित केवाईसी डॉक्यूमेंट भी देना होगा। एड्रेस प्रूफ के लिए आप अपने नाम से आ रहा बिजली बिल, रेंट एग्रीमेंट, या पासपोर्ट जैसे डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल एड्रेस के प्रूफ के रूप में जमा करा सकते हैं। इन सारे दस्तावेज़ों के साथ ही स्टार्ट-अप लोन के लिए बिज़नेस ओनरशिप प्रूफ से संबधित रजिस्ट्रेशन डॉक्यूमेंट को भी सबमिट कराना पड़ेगा।
इसके अलावा, अगर आप महिला हैं तो स्टैंड अप इंडिया के तहत भी आपको लोन मिल सकता है। महिलाओं के लिए बिजनेस लोन के और भी कई विकल्प हैं। महिलाओं के लिए मुद्रा लोन की भी सुविधा उपलब्ध है।
स्टार्टअप इंडिया योजना में बिजनेस लोन कहां से मिलेगा, इसके लिए क्या योग्यता होनी चाहिए (business loan aise milega)
सबसे महत्वपूर्ण आवेदक को भारतीय नागरिक होना चाहिए। सिबिल स्कोर 680 या फिर इससे हाई होना चाहिए। बिजनेस ओनर की ऐज 24 साल से 70 साल के बीच होनी जरूरी है। स्टार्ट-अप बिजनेस शुरू करने वाले को कम से कम 3 सालों का कार्य अनुभव भी जरूरी है।
स्टार्टअप बिजनेस के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई लोन स्कीमों के बारें में जानते हैं- (startup india in hindi)
हाल के कुछ सालों में भारत सरकार ने स्टार्टअप इंडिया योजना के तहत स्टार्टअप्स के लिए सरकारी लोन योजनाओं की शुरुआत की है- भारत सरकार के द्वारा और एमएसएमई मिनिस्ट्री ने इंडिया में स्टार्टअप और एमएसएमई को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई गवर्मेंट स्कीम चला रखी हैं, जो नया बिजनेस खोलने और नये आइडिया के साथ खुलने वाले स्टार्ट-अप्स की मदद के लिए शुरू किये गये हैं।
सबसे पहले बात करेंगे प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत मुद्रा लोन के बारें में- (स्टार्ट अप इंडिया स्कीम)
माइक्रो यूनिट और नॉन कॉरपोरेट स्मॉल बिजनेस के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराना माइक्रो यूनिट डेवलपमेंट और रिफाइनेंस एजेंसी (मुद्रा) का मुख्य उद्देश्य है।
सरकारी बैंक कस्टमर के रिक्वायमेंट के आधार पर मुद्रा योजना के तहत लोन की सुविधा देता है। इस योजना की सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि इसमें आपको अपनी प्रॉपर्टी गिरवी रखने की बिल्कुल जरूरत नहीं होती है। सरकार के इस योजना के अंतर्गत तीन कैटेगरी में लोन पा सकते हैं।
बिजनेस स्टार्टअप्स के लिए मुख्य रूप से शिशु लोन स्कीम है। जिसमें 50,000 तक का लोन प्रोवाइड किया जाता है। मुख्य रूप से 28 सरकारी और प्राइवेट बैंक से आप मुद्रा लोन ले सकते हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण बैंकों की लिस्ट है जो स्टार-अप्स के लिए मुद्रा लोन प्रोवाइड करते हैं-
- एचडीएफसी बैंक
- भारतीय स्टेट बैंक
- बैंक ऑफ बड़ौदा
- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया
- सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
- आईडीबीआई बैंक
- सिटी बैंक
- एचडीएफसी बैंक
- इंडसइंड बैंक
- बैंक ऑफ इंडिया
स्टार्टअप्स इंडिया स्कीम के तहत क्रेडिट गारंटी फंट ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल इंटरप्राइजेज़ (सीजीटीएमएसई- CGTMSE)
भारत सरकार ने माइक्रो और स्मॉल बिजनेस के लिए क्रेडिट गारंटी फंड स्कीम की शुरूआत की हुई है। इस स्कीम के तहत नए और मौजूदा दोनों तरह बिजनेस शामिल हैं। इसमें किसी भी बिजनेसमैन को दिए जाने वाले लोन की धनराशि उसके बिजनेस की कॉम्पटेंसी और फीसबिलिटी पर डिपेंड करती है।
इस स्कीम के तहत आपको लोन अधिकतम 1 करोड़ रुपये मिल सकता है और वो बिना किसी भी प्रकार की गारंटी लिये या फिर प्रॉपर्टी गिरवी रखे हुए। कमॉर्शियल बैंक, पब्लिक और प्राइवेट सेक्ट बैंक, फॉरेन बैंक, NABARD के द्वारा सेलेक्टेड क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB) इस तरह के लोन देने के पात्र हैं।
स्टैंड-अप इंडिया स्कीम (stand up india scheme)
स्टैंड-अप इंडिया भारत सरकार के द्वारा चलाई जानें वाली योजना है, जो देश के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और महिला एंटरप्रेन्योर्स को फाइनेंशली मजबूत बनाने के लिए शुरू की गई है। इस स्कीम के तहत 10 लाख से 1 करोड़ रूपये तक का लोन बैंक देते हैं। लोन का टेन्योर 7 साल का है।
कॉयर उद्यमी योजना
इस योजना को कॉयर बोर्ड चलाता है। इसके तहत, ये स्टार-अप को 10 लाख रूपये तक का लोन देते हैं। और वर्क कैपिटल का फंड प्रदान करते है, जो कुल निधि परियोजना लागत के 25% से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसका भी लोन का टेन्योर 7 साल का होता है।
एमएसएमई के लिए डिजाइन क्लिनिक
भारत में शुरू होने वाले हर एक स्टार्ट-अप और एमएसएमई के पास अपना बिज़नेस मॉडल का होना बहुत जरूरी है। स्मॉल बिजनेस शुरू करने वालों के लिए अपने प्रोडक्ट्स के लिए नए डिजाइनों का यूज और उसे ट्राई के लिए प्रोत्साहित करने के लिए MSME मंत्रालय ने डिज़ाइन क्लिनिक बनाया है।
इस सरकारी स्कीम के तहत, गवर्मेट डिजाइन सेमिनार में भाग लेने के लिए 60,000 रुपये तक का लोन प्रोवाइड करती है। इसके लिए एमएसएमई, स्टार्ट-अप्स और एजेंसियां इस डिजाइन क्लिनिक के लिए ऑनलाइन एप्लिकेशन दे सकते है।
कई प्राइवेट कंपनियां और संस्थान भी हैं जो स्टार्टअप्स के लिए बिना कुछ गिरवी रखे भी लोन देती हैं-
स्टार्टअप इंडिया योजना में लाइन ऑफ क्रेडिट
ये कई बैंकिंग और नॉन -बैंकिंग संस्थानों के द्वारा दी जाने वाली फाइनेंशियल हेल्प है। बैंक बिजनेस में यूज होने वाले लोन अमाउंट को फुल क्रेडिट पर ब्याज वसूल करेगा। ये सहूलियत फाइनेंशियल मेनेजमेंट में परेशानियों का सामना करने वाले स्टार्टअप बिजनेस के लिए हेल्पफुल है।
स्टार्टअप इंडिया योजना में स्मॉल बिजनेस क्रेडिट कार्ड
स्टार्टअप बिजनेस को फाइनेंसिंग करवाने के लिए ये स्कीम अच्छी है। अगर आपका सिबिल स्कोर अच्छा है तो आप बिजनेस क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं।
स्टार्टअप इंडिया योजना में एक्सटर्नल फंडिंग
कुछ प्राइवेट लोन प्रावाइडर और बिजनेसमैन भी एक गुड इनोवेटिव स्टार्ट-अप के लिए पैसा उधार देते हैं। हालांकि इसमें ब्याज की दर अधिक हो सकती है, अपने स्टार्टअप बिजनेस लोन भी मिल सकता है।
स्टार्टअप इंडिया योजना में बिजनेस लोन इंटरेस्ट रेट और EMI कैलकुलेटर क्यों है जरूरी ( start up india scheme in hindi)
लोन लेने से पहले बिजनेस लोन इंटरेस्ट के बारे में जरूर पता कर लें। यह वह रकम होती है जो आपके लोन पर ब्याज के तौर पर जुड़ती रहती है। अगर यह दर कम है तो आपके लिए राहत की बात है। कई बार यह गुणा-गणित सामान्य लोगों को समझ में नहीं आती, इसलिए किश्तों को समझने के लिए EMI कैलकुलेटर का जरूर इस्तेमाल करें और समझें कि हर महीने किश्त के तौर पर आपको कितने रुपए कर्जदाता को अदा करने हैं।
योजना की प्रमुख बातें
- स्टार्टअप कारोबारियों द्वारा कमाये जाने वाले मुनाफे पर व्यावसाय शुरू होने के पहले तीन साल तक इनकम टैक्स से छूट होगी।
- ऐसे उद्यमों में वित्तपोषण को बढ़ावा देने के लिए उद्यमियों द्वारा किए गए निवेश के बाद अपनी संपत्ति बेचने पर 20% की दर से लगने वाले पूंजीगत लाभ टैक्स से भी छूट होगी। यह छूट सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त उद्यम पूंजीकोषों के निवेश पर भी उपलब्ध होगी।
- सरकार का ‘स्टार्ट अप इंडिया’ कार्यक्रम देश में नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिए उपयुक्त वातावरण बनाना है ताकि आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा दिया जा सके और देश में बड़े.पैमाने पर रोजगार के अवसर मुहैया कराए जा सकें।
- सरकार की ओर से एक राष्ट्रीय लोन गारंटी ट्रस्ट कंपनी बनाने का प्रस्ताव है जिसमें अगले चार साल तक सालाना 500 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया जाएगा।
- देश में नर्वप्रवर्तन सोच के साथ आने वाले तकनीक आधारित इन नये उद्यमों के लिये एक उदार पेटेंट व्यवस्था भी लाई जाएगी। पेटेंट पंजीकरण में इन उद्यमों को पंजीकरण शुल्क में 80% छूट दी जायेगी।
- प्रधानमंत्री जी के अनुसार दिवाला कानून में स्टार्ट अप उद्यमों को कारोबार बंद करने के लिए सरल निर्गम विकल्प देने का प्रावधान भी किया जायेगा। इसके तहत 90 दिन की अवधि में ही स्टार्ट अप अपना कारोबार बंद कर सकेंगे।
- छात्रो के लिए इनोवेशन के कोर्स शुरू किये जायेंगे और 5 लाख विद्यालयों में 10 लाख बच्चो पे फोकस करके इसको बड़ाया जायेगा ।
- प्रधानमंत्री जी ने कहा कि स्व:प्रमाणन आधारित अनुपालन व्यवस्था से स्टार्टअप पर नियामकीय बोझ कम होगा। स्व:प्रमाणन अनुपालन की यह व्यवस्था कर्मचारियों को ग्रेच्युटी भुगतान, ठेका कर्मचारी, कर्मचारी भविष्य निधि कोष, पानी और वायु प्रदूषण कानूनों के मामले में उपलब्ध होगी।
- स्टार्टअप को वित्तपोषण का समर्थन देने के लिये सरकार 2,500 करोड़ रुपये का शुरुआती कोष बनाएगी जिसमें अगले 4 साल के दौरान कुल 10,000 करोड़ रूपये का कोष होगा।
- दुनियाभर में स्टार्टअप की तीसरी बड़ी संख्या भारत में है। सरकार इन उद्यमों को सरकारी खरीद ठेके लेने के मामले में भी मानदंड में कई तरह की छूट देगी। स्टार्ट अप उद्यमों को सरकारी ठेकों में अनुभव और कारोबार सीमा के मामले में छूट दी जायेगी।
- इसमें महिलाओ के लिए विशेष व्यवस्था की गयी है ।
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